"फादर कामिल बà¥à¤²à¥à¤•े"
GhoSTRiDeR 2013/04/22 09:22
दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ à¤à¤• नाम आपने अकà¥à¤¸à¤° सà¥à¤¨à¤¾ होगा
"फादर कामिल बà¥à¤²à¥à¤•े"
ये नाम है उस शखà¥à¤¸ का जो सन 1930 में बेलà¥à¤œà¤¿à¤¯à¤® की à¤à¤• चरà¥à¤š में पादरी था , जिसे बेलà¥à¤œà¤¿à¤¯à¤® से इसाई मसिनरियो ने à¤à¥‡à¤œà¤¾ था ,की जाओ à¤à¤¾à¤°à¤¤ जाओ ,और उनके धरम की काट करके लोगो को इसाई बनाओ ,और वहाठजा कर पहले उनके राम और कृषण को धयान से पढ़ लेना ,और फिर उनको इसाई बनाना।
कामिल बà¥à¤²à¥à¤•े à¤à¤¾à¤°à¤¤ आया
रामायण पढ़ी ,महाà¤à¤¾à¤°à¤¤ पढ़ी ,तà¥à¤¸à¤²à¥€ , वालà¥à¤®à¥€à¤•ि ,वेदवà¥à¤¯à¤¾à¤¸ सब पढ़ डाले .
और रामायण पढ़ते पढ़ते à¤à¤• चरà¥à¤š का पादरी ,जो लोगो का धरम परिवरà¥à¤¤à¤¨ कराने आया था ,इतना परà¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ हà¥à¤† कि लोगो को इसाई बनाना तोह दूर खà¥à¤¦ ही हिंदी और शà¥à¤°à¥€ राम का अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥€ बन गया।
"जीवनी,कृतियाà¤,रामकथा : उतà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ और विकास,फादर कामिल बà¥à¤²à¥à¤•े à¤à¤µà¤‚ हिनà¥à¤¦à¥€,बाहरी कड़ियाà¤,संदरà¥à¤" ये सब किताबें उसी कामिल बà¥à¤²à¥à¤•े की हैं।
दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ ,ये रहा है à¤à¤¾à¤°à¤¤ का इतिहास
लेकिन शरà¥à¤® आती है आज उन बेवकà¥à¤«à¥‹ पर जो इतने पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ ,सतà¥à¤¯ पर आधारित वैदिक हिनà¥à¤¦à¥‚ धरम को छोड़ कर आज इसाइयत की तरफ जा रहे हैं .
अरे बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¨à¥€ सà¥à¤ªà¥€à¤¯à¤°à¥à¤¸ (अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ पॉप गायक ) जो अपने बचà¥à¤šà¥‡ को पैदा होते ही मंदिर में जाकर आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ दिलवाती है ,उसी हिनà¥à¤¦à¥‚ धरà¥à¤® के लोग आज चरà¥à¤šà¥‹à¤‚ में जा जा कर पà¥à¤°à¥‡à¤¯à¤° करवाते फिर रहे हैं। इससे शरà¥à¤® की बात और कà¥à¤¯à¤¾ हो सकती है।
और कामिल बà¥à¤²à¥à¤•े ने तोह ये à¤à¥€ कहा की जिस देश का इतिहास इतना शकà¥à¤¤à¤¿à¤¶à¤¾à¤²à¥€ और अनà¥à¤•रणीय हो और अगर उस देश के लोगो का मैं धरम परिवरà¥à¤¤à¤¨ करा दूठ,तो इनसे मà¥à¤°à¥à¤– में दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में किसी को नही मानूंगा .
और देखो उसकी बात आज साच हो रही है।
और जब उनको 1974 में पदमॠà¤à¥‚षण दिया à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार ने तोह उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा था कि ‘''संसà¥à¤•ृत महारानी,, हिंदी बहूरानी और अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ तो नौकरानी है।
अब à¤à¤ˆ हमें तोह गरà¥à¤µ है उस संसà¥à¤•ृति पर ,उस वैदिक धरà¥à¤® पर जिसका इतिहास इतना सà¥à¤µà¤°à¥à¤£à¤¿à¤® रहा हो।