Jivan Ki sachhai by
HandsomeDon 2015/11/27 12:16
रात के समय à¤à¤• दà¥à¤•à¤¾à¤¨à¤¦à¤¾à¤° अपनी दà¥à¤•à¤¾à¤¨ बनà¥à¤¦ ही
कर रहा था कि à¤à¤• कà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¾ दà¥à¤•à¤¾à¤¨ में आया ।
उसके मà¥à¥…ंह में à¤à¤• थैली थी। जिसमें सामान की लिसà¥à¤Ÿ
और पैसे थे। दà¥à¤•à¤¾à¤¨à¤¦à¤¾à¤° ने पैसे लेकर सामान उस थैली
में à¤à¤° दिया। कà¥à¤¤à¥à¤¤à¥‡ ने थैली मà¥à¥…ंह मे उठा ली और चला गया।
दà¥à¤•à¤¾à¤¨à¤¦à¤¾à¤° आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯à¤šà¤•à¤¿à¤¤ होके कà¥à¤¤à¥à¤¤à¥‡ के पीछे पीछे
गया ये देखने की इतने समà¤à¤¦à¤¾à¤° कà¥à¤¤à¥à¤¤à¥‡ का मालिक
कौन है।
कà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¾ बस सà¥à¤Ÿà¤¾à¥…प पर खडा रहा। थोडी देर बाद à¤à¤• बस आई जिसमें चढ गया। कंडकà¥à¤Ÿà¤° के पास आते
ही अपनी गरà¥à¤¦à¤¨ आगे कर दी। उस के गले के बेलà¥à¤Ÿ में
पैसे और उसका पता à¤à¥€ था। कंडकà¥à¤Ÿà¤° ने पैसे लेकर
टिकट कà¥à¤¤à¥à¤¤à¥‡ के गले के बेलà¥à¤Ÿ मे रख दिया।
अपना सà¥à¤Ÿà¥‰à¤ª आते ही कà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¾ आगे के दरवाजे पे चला गया और पूॅंछ हिलाकर कंडकà¥à¤Ÿà¤° को इशारा कर दिया।
बस के रà¥à¤•à¤¤à¥‡à¤¹à¥€ उतरकर चल दिया।
दà¥à¤•à¤¾à¤¨à¤¦à¤¾à¤° à¤à¥€ पीछे पीछे चल रहा था।
कà¥à¤¤à¥à¤¤à¥‡ ने घर का दरवाजा अपने पैरोंसे २-३ बार खटखटाया।
अनà¥à¤¦à¤°à¤¸à¥‡ उसका मालिक आया और लाठीसे उसकी पीटाई कर दी।
दà¥à¤•à¤¾à¤¨à¤¦à¤¾à¤° ने मालिक से इसका कारण पूछा ।
मालिक बोला "साले ने मेरी नीनà¥à¤¦ खराब कर
दी। चाबी साथ लेके नहीं जा सकता था गधा।"
जीवन की à¤à¥€ यही सचà¥à¤šà¤¾à¤ˆ है। लोगों की
अपेकà¥à¤·à¤¾à¤“ं का कोई अनà¥à¤¤ नहीं है।
ABHIRAJ 2015/11/29 11:26
Nice post with great moral.
saahir 2015/11/29 19:34
Nice story with a good moral lesson.
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