Indian Missile power ahead to USA & China by HandsomeDon 2015/11/03 10:14
हमारी इस ताकतवर मिसाइल के सामने अमेरिका-चीन भी फिसड्डी

भारत की इस मिसाइल का दुनिया भर में कोई जबाव नहीं है। अमेरिका की टॉम हॉक मिसाइल भी इसके आगे फिसड्डी साबित होती है।

सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का बीते रविवार को भारतीय नौसेना के सबसे नए स्टील्थ विनाशक जहाज आईएनएस कोच्चि से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। अरब सागर में सेवामुक्त किया जा चुका एक जहाज इसका लक्ष्य बना, जिसे इसने सफलतापूर्वक भेद दिया। आगे पढ़े इस मिसाइल से जुड़ी तमाम जानकारियां।
मिसाइल तकनीक में दुनिया की कोई भी मिसाइल तेज गति से आक्रमण के मामले में ब्रह्मोस की बराबरी नहीं कर सकती। इसकी खूबियां इसे दुनिया की सबसे तेज मारक मिसाइल बनाती हैं। यहां तक की अमेरिका की टॉम हॉक मिसाइल भी इसके आगे फिसड्डी साबित होती है। ब्रह्मोस टॉम हॉक से लगभग दोगुनी तेजी से हमला कर सकती है, इसकी प्रहार क्षमता भी टॉम हॉक से ज्यादा है।
ब्रह्मोस एक सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल है। क्रूज मिसाइल उसे कहते हैं जो कम ऊंचाई पर तेजी से उड़ान भरती है और इस तरह से रडार की आंख से बच जाती है। ब्रह्मोस की खास बात ये है कि इसे जमीन से, हवा से, पनडुब्बी से, युद्धपोत से यानी कि कहीं से भी दागा जा सकता है। यही नहीं इस मिसाइल को पारंपरिक प्रक्षेपक के अलावा उर्ध्वगामी यानी कि वर्टिकल प्रक्षेपक से भी दागा जा सकता है।
HandsomeDon 2015/11/03 10:18
ब्रह्मोस नाम भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मस्कवा नदी पर रखा गया है। ब्रह्मोस भारत और रूस के द्वारा विकसित की गई अब तक की सबसे आधुनिक प्रक्षेपास्त्र प्रणाली है और इसने भारत को मिसाइल तकनीक में अग्रणी देश बना दिया है। रूस की एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया और भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने संयुक्त रूप से इसका विकास किया है। यह रूस की पी-800 ओंकिस क्रूज मिसाइल की प्रौद्योगिकी पर आधारित है।
ब्रह्मोस मेनुवरेबल मिसाइल है। दागे जाने के बाद लक्ष्य तक पहुंचते-पहुंचते अगर इसका लक्ष्य मार्ग बदल लें तो यह मिसाइल भी अपना मार्ग बदल लेती है और उसे निशाना बना लेती है और चलते फिरते लक्ष्य को भी भेद सकती है।

यह 10 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भर सकती है और रडार की पकड़ में नहीं आती है। रडार ही नहीं किसी भी अन्य मिसाइल पहचान प्रणाली को धोखा देने में सक्षम है। इसको मार गिराना लगभग असंभव है।
आम मिसाइलों के विपरित यह मिसाइल हवा को खींच कर रेमजेट तकनीक से ऊर्जा प्राप्त करती है। यह मिसाइल 1200 यूनिट ऊर्जा पैदा कर अपने लक्ष्य को तहस नहस कर सकती है।

HandsomeDon 2015/11/03 10:18
ब्रह्मोस कोर्पोरेशन अगले 10 साल में करीब 2000 ब्रह्मोस मिसाइल बनाएगा। इन मिसाइलों को रूस से लिए गए सुखोई लड़ाकू जहाजों में लगाया जाएगा। ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल है, लेकिन भविष्य में ब्रह्मोस-2 नाम से हाइपर सोनिक मिसाइल भी बनाई जाएगी जो 7 मैक की गति से वार करेगी।
भारत अपनी स्वदेशी सबसोनिक मिसाइल निर्भय भी बना रहा है। ब्रह्मोस-2 करीब 6,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के साथ 290 किलोमीटर दूरी तक लक्ष्य भेद सकेगी।
ब्रह्मोस की मारक क्षमता 290 किलोमीटर है और यह 300 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री अपने साथ ले जा सकता है। मिसाइल की गति ध्वनि की गति से करीब तीन गुना अधिक है।
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